Sunday, 8 July 2012

मेरी फूल सी गुडिया 

पापा की तो जान तुम्ही हो ,मम्मी की पहचान तुम्ही हो  
भारत की तो सान तुम्ही हो ,मेरी भी तो जान तुम्ही हो


न चहुँ में धन और वैभव, बस चहुँ में तुझको
तुही लक्ष्मी तू ही शारदा ,मिल जाएगी मुझको


बन कर रहना तू गुडिया सी ,थोडा सा इठलाना
ठुमक  ठुमक  कर चलना ,घरमे पैंजनिया खनकाना


उंगली पकड कर पापा की तुम ,कंधे  पे चढ़ जाना
आचल में छुप जाना माँ के ,उसका दिल बहलाना


जनम जनम से रही ये इच्छा ,बेटी तुझको पाने की
पूरी हुयी ये आश अधूरी ,गुडिया तुमको पाने की


पापा की तो जान तुम्ही हो, मम्मी की पहचान तुम्ही हो
भारत की तो सान तुम्ही हो, मेरी भी तो जान तुम्ही हो !!.


{ सीता पालीवाल }



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