Sunday, 8 July 2012

मेरी फूल सी गुडिया 

पापा की तो जान तुम्ही हो ,मम्मी की पहचान तुम्ही हो  
भारत की तो सान तुम्ही हो ,मेरी भी तो जान तुम्ही हो


न चहुँ में धन और वैभव, बस चहुँ में तुझको
तुही लक्ष्मी तू ही शारदा ,मिल जाएगी मुझको


बन कर रहना तू गुडिया सी ,थोडा सा इठलाना
ठुमक  ठुमक  कर चलना ,घरमे पैंजनिया खनकाना


उंगली पकड कर पापा की तुम ,कंधे  पे चढ़ जाना
आचल में छुप जाना माँ के ,उसका दिल बहलाना


जनम जनम से रही ये इच्छा ,बेटी तुझको पाने की
पूरी हुयी ये आश अधूरी ,गुडिया तुमको पाने की


पापा की तो जान तुम्ही हो, मम्मी की पहचान तुम्ही हो
भारत की तो सान तुम्ही हो, मेरी भी तो जान तुम्ही हो !!.


{ सीता पालीवाल }



Saturday, 7 July 2012


भारत की गुडिया !!

ओ भारत के रहने वालो ,एक नझर हम पर भी डालो 
हम भारत की सान है , हमसे देस महान  है 
हम को तुम अबला ना  समझो , हम झासी सी रानी है

पड़ लिख कर कुछ बनाना चाहती , हम भी आगे बढना चाहती 
हम गुडिया सी भले ही दिखे ,पर अरमान हमारे अनेक है

ऑफिसर बन दफ्तर जाये , लोग हमे सलाम करे 
उचे पद पर बेठ सभी का, आदर और सम्मान  करे
डाक्टर बनकर सबको स्वस्थ , रखने का संकल्प करे 
इंजिनियर बनजाये जब, भारत का नव निर्माण करे

तकनीकी इतनी बढ जाये, आस मान  छू ले भारत 
लहर सी ये लहर  चले, तुफानो  सी गति मिले

सब देसों में मचे ये हल चल ,ये केसा तूफान उठा 
वो भी सोच के दंग रह जाये, भारत को क्या रतन  मिला

ऐसा हम कुछ करना चाहती, ऐसा हम कुछ बनना चाहती !! 
ओ भारत के रहने वालो, एक नजर हम पर भी डालो 
हम भारत की सान है, हम से देस महान है..... !!
           जय हिंद ..
   { सीता पालीवाल }


सुनहरे गाँव में गंणतंत्र दिवस का उत्सव   


आओ साथी यो देश वासियों ,मेरा निर्त्य दिखाती हु 
मोरनी सी चाल है मेरी . कोयल सी में गाती हु


मेरा निर्त्य देख कर टीचरजी को भी गर्व हुआ 
ताली बजा कर वाह वाह कह कर मेरा भी सम्मान किया

पुरूस्कार जब ले घर पहुंची , माँ ने मुझको गले लगाया
पुरूस्कार सबको दिखलाऊ ,देखो दादी देखो भईया

पर एक बात अब याद है आई, पापा ने मोहे डाट लगायी
दूर देस में रहते पापा फिरभी डाट लगते है

पापा तुम मुझको ना डाटो ,में तोरे अन्ग्नाकी चिड़िया
उड़ जाउंगी पंख लगाकर ,बस कुछ दिनका रेन बसेरा

मेरी बाते सुन कर पापा की भी आखें नम हुए
गले लगा कर मुझको बोले ,गुडिया मेरी जान तुही

आओ साथिया देस वासिय मेरानिरत्य दिखाती हु
मोरनी सी चाल है मेरी कोयल सी में गाती हु ...!!

सच में जब बालिकाओ का निर्त्य और उनकी भोली अदाओ से
सजना सवर्णा देख ते है तो उनके सम्मान करने में शब्द कम पड़ जाते है ..



             { सीता पालीवाल }